आखिर शक क्यों होता है | शक की दवा। | Aakhir Shak Kyu Hota he | Shak ki dava |

शक की दवा। हमें शक क्यों होता है❓️ कौन सी ऐसी वजह होती है जिसकी वजह से हमारे दिमाग के अंदर वक्त पैदा होता है❓️ और आखिर इसका इलाज क्या है❓️ और इसके नुकसान और फायदे क्या है❓️ चलो तो फिर इसे आज विस्तृत से समझने की कोशिश करते है।

🧐आखिर शक होता क्यू है ⁉️



◼️ शक ऐसी बला है, जिससे बच पाना बहुत ही मुश्किल है। यह कईयों की जिंदगी तबाह कर देता है। शक हमेशा हमें ज्यादातर अपने जीवनसाथी या तो फिर अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड पर होता है। शक होना यह आम बात है। क्योंकि यह हर मनुष्य को होता है। इसमें कोई गलत बात नहीं हे पर आपका जब सही हो तो। वरना यह आपके लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। हमें शक हमेशा उन पर ही होता है, जिन्हें हम खुद से दूर नहीं  जाने देना चाहते। क्योंकि जिन्हें आप अपने आप से दूर करना चाहते हैं उन पर शक पैदा ही नहीं होता।

◼️ इसे हम कुछ उदाहरणों से समझने की कोशिश करते हैं। जब कभी आप अपने जीवनसाथी को या फिर गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ जब ऑनलाइन चैटिंग कर रहे होते हो और तब वह अगर ऑनलाइन होते हुए भी आपके मैसेज का रिप्लाई नहीं दे रही है। तब आपको उन पर शक जाता है कि कहीं वह किसी और के साथ तो बातचीत नहीं कर रही है। और यह शक आपका स्वाभाविक है। यह सब को होता है। यहां पर विश्वास की बात आ जाती है पर कभी भी किसी पर भी अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए। यह आपके लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है।

🚫 शक करने से नुकसान




🔴 जब कभी भी आप किसी पर शक करते हैं। तो वह बात पूरे दिन आपके दिमाग में घूमती रहती है। जिसके कारण से आप किसी भी काम में अपना मन नहीं लगा सकते और आपका काम ठीक प्रकार से हो नहीं पाता। दूसरी बात शक के कारण आपके दिमाग के अंदर चिंता उत्पन्न होना शुरू हो जाती है। जो आपके सेहत के लिए बहुत ही नुकसान दाई है। जब आपके दिमाग में शक घूमता रहता है तब आपको कुछ भी करना अच्छा नहीं लगता। शक के कारण रिश्तो में दरार आती है। जिसे भरना बहुत ही मुश्किल है। शक इंसान को अंदर से खोखला कर देता है। छोटी-छोटी बात पर शक करने की बीमारी होने लगती है। जो आपके लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।

😊शक का इलाज




🟢 पहले तो आप यह जान लीजिए कि शक करना कोई बुरी बात नहीं है। क्योंकि कभी कबार आपका शक सही भी होता है। पर इतना जान लीजिए कि आपके शक करने के बाद, अगर वह शक सही भी साबित हो जाए। तो आप आगे क्या करगे। उसके के परिणाम के बारे में आपको जरूर सोचना चाहिए।

🟢 शक और हकीकत यह दोनों काफी अलग है। शक, वह हकीकत हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। अगर आपको किसी पर शक है तो आप एक बार बैठकर शांति से यह विचार करना कि अगर शक सच साबित हो जाए तो आगे आप क्या स्टेप लेंगे और उनकी तरफ से क्या रिप्लाई आएगा और आखिर मे नतीजा कहां पर पहुंचेगा और आपने क्या सोच था। यह सब सोचकर ही आगे कदम उठाना।

🟢 कभी कबार हम छोटी-छोटी बातों पर शक करने लग जाते हैं। पर क्या वह बाते सच में शक करने लायक होती भी है। हम ऐसी बातों पर शक करते हैं जिसके पीछे कभी कोई लॉजिक नहीं होता। शक करो पर सोच समझ कर करो, कि क्या सच में यह बात शक करने लायक है और दूसरी बात एक दूसरे पर विश्वास की आती है जहां पर विश्वास होता है वहां पर शक की कोई गुंजाइश नहीं होती।

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