एलोपैथी या आयुर्वेद कौन सर्वश्रेष्ठ। Aelopethi ya Aayurved

  एलोपैथी और आयुर्वेद। आज इन दोनों के बीच बहुत ही खींचातानी चल रही है। पर यह एक दूसरे के विरोधी नहीं है। तो आज हम एलोपैथी या आयुर्वेद दोनों में से कौन सर्वश्रेष्ठ जानेंगे।




आयुर्वेद :

आयुर्वेद बहुत ही पुराना और सांस्कृतिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद की जड़ें भारत से जुड़ी हुई है। आज से कई साल पहले जब एलोपैथी अस्तित्व में नहीं थी। तब भारत में बड़े विस्तृत प्रमाण में आयुर्वेद का इस्तेमाल किया जाता था। आयुर्वेद बहुत ही पुराना चिकित्सा प्रणाली है और आज भी यह प्रणाली हमारे बीच उपलब्ध है। आज के समय में एलोपैथी का प्रयोग मोटे पायदान पर किया जा रहा है।

आयुर्वेद के फायदे :

आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है। जिसमें हमारे आसपास के वनस्पति और रसोई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। जिन्हें आयुर्वेद की भाषा में जड़ी बूटियां कहीं जाती है। आयुर्वेद के इस्तेमाल से आपके शरीर में कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता। यानी आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आयुर्वेद किसी भी बीमारी को ठीक करने में थोड़ा समय लेता है पर उसे जड़ों से खत्म कर देता है।

एलोपैथी :

एलोपैथी आज के जमाने में बड़े प्रमाण में उपयोग किए जाने वाली चिकित्सा प्रणाली है। आप आज आपके आसपास में जितनी भी जगह देखेंगे वहां सिर्फ एलोपैथी ही दिखाई देगी। आज के समय में एलोपैथी स्वास्थ्य प्रणाली से ज्यादा व्यापार बन गई है। लोग दूसरों का इलाज करने की बजह पैसों से ज्यादा ध्यान रखते हैं।

एलोपैथी के फायदे और नुकसान :

देखा जाए तो एलोपैथी तात्कालिक समय में बहुत ही काम आती है।  पर कई दवाइयों के गलत प्रभाव देखने को मिलते हैं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक साबित होते हैं। ऐसा नहीं है कि एलोपैथी बिल्कुल ही बेकार है और इसे यूज नहीं करना चाहिए। ऐसा बिल्कुल नहीं है। एलोपैथी कई बार कई लोगों की सही समय पर जान बचाती है। एलोपैथी तात्कालिक समय में बहुत ही सही साबित होती है।

एलोपैथी या आयुर्वेद :

यहां पर दोनों ही अपनी अपनी जगह पर सही है पर देखा जाए तो आयुर्वेद के कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते। जबकि एलोपैथी के कई दवाइयों के दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। दूसरी ओर आयुर्वेद तुरंत अपना प्रभाव नहीं दिखा ता। जबकि एलोपैथी तुरंत ही अपना प्रभाव दिखाता है। अगर आपको कोई ऐसी बीमारी है जिसमें दवाइयां लंबे समय तक लेनी पड़ सकती है। तो उस समय आपको आयुर्वेद का रास्ता अपनाना चाहिए। जब कभी आपको तत्कालीन इलाज की जरूर हो किसी समस्या में तो आपको एलोपैथी का रास्ता अपनाना चाहिए। बाकी तो आप पर निर्भर करता है। दोनों अपनी अपनी जगह पर सही है पर आयुर्वेद का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते।

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