अपना टाइम आता नहीं, लाना पड़ता है। | Apna time Aata nahi lana padta he |

 अपना टाइम आता नहीं, लाना पड़ता है। आज के समय में लोग समय के भरोसे बैठ जाते हैं और कहते हैं की अपना टाइम आयेगा, पर क्या सच में अपना टाइम आता है, या फिर लाना पड़ता है। तो आइए जानते हैं।

आज के समय में लोगों को सब कुछ जल्दी जल्दी प्राप्त करना है। किसी को सब्र करना पसंद नहीं। सबको जो चाहिए वह आज ही के आज उन्हें चाहिए। आज के समय में लोगों के पास वक्त की कमी नहीं है और संसाधनों की भी कमी नहीं है फिर भी, वह सफलता प्राप्त करने के शॉर्टकट ढूंढते रहते हैं। पर क्या यह सफलता लंबी देर तक टिक पाती है।

आज के समय में लोग दो नंबर के पैसो के पीछे पागल है। खुद को बुरा बनाने के पीछे चलने लगते हैं। जब जो कोई बुरा व्यक्ति होता है वह आज के समय में खुद पर गर्व महसूस करता है। उसे लगता है, उसने जो किया वह सब अच्छा किया है और यह करने में कोई बुराई नहीं है। यह सब देख कर ही दूसरे लोग उस की तरह बनने के सपने देखने लगते हैं। असत्य का मार्ग चुनके, कुछ समय में ही सफलता की सीढ़ियों को चढ़ना चाहते हैं पर यह कितनी हद तक सही है।

हमारे यहां एक कहावत बड़ी ही प्रचलित है। हमारे गांव में कहा जाता है कि, जो चीज जितनी जल्दी आपके पास आता है वह चीज उतनी जल्द ही आपके पास से चली भी जाती है और जो जितनी देर बाद आता है वह उतना ही लंबा टिकता है। इसका मतलब जो जल्दी सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है वह उतनी ही जल्दी नीचे जाता है। वह जो व्यक्ति धीरे-धीरे एक-एक करके सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है। वह व्यक्ति उतनी ही देर तक वहां टिक पाता है और सफलता के शिखर को सर कर पाता है।

चाहे मंजिल कितनी भी दूर क्यों ना हो, कभी बुरे रास्ते के सहारे वहां तक नहीं जाना चाहिए। बुरे रास्ते से सफलता प्राप्त कर लेने से वह आपको जरूर, जल्द ही मिल जाती है परंतु शुरुआत में जितना मजा आता है उतना ही प्रमाण में आपको दुख, दर्द सहन करने की हिम्मत रखनी चाहिए। “क्योंकि जैसी करनी वैसी भरनी” यह कहावत आज तक कभी गलत साबित नहीं हुए। जो व्यक्ति जैसा करता है, उसे वैसा ही मिलता है।

इसीलिए धीरज के साथ सब्र बनाए रखीए गा और एक एक करके सफलता की सीढ़ियों को चढ़ते जाइएगा। यह आपके लिए और आपके परिवार के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा और रही अपना टाइम आने की बात, तो अपना टाइम आता नहीं है दोस्तों लाना पड़ता है।

“धन्यवाद”

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