आज के टॉपिकमे, हम गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है और इसकी शुरुआत किसने की और कब की? यह सब शुरुआत से जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है❓️
माना जाता है कि, आज ही के दिन (गणेश चतुर्थी के दिन) गणेश जी का जन्म हुआ था। आज के समय में कोई ऐसा नहीं होगा जो गणेश जी के बारे में न जानता हो फिर भी जानकारी के लिए बता दूं कि गणेश जी शंकर भगवान और पार्वती माता के संतान हैं। वह बड़े है क्योंकि उनसे छोटे कार्तिक जी हैं। तो आज उन्हीं के जन्मदिन पर गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।
कब से मनाई जाती है और किसने शुरुआत की❓️
इसवी सन 1620 के समय में छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने कुलदेवता के तौर पर गणेश जी की जन्म तिथि यानी गणेश चतुर्थी को मनाना शुरू किया था। बाद में जाकर जब मराठा शासन का अंत आया तब, यह सिर्फ एक पारिवारिक तहवार बनकर रह गया। तब के जमाने में यह सिर्फ मराठों में ही प्रचलित था।
इसवी सन 1892 के समय के आसपास में लाला लाजपत राय जी ने फिर से गणेश चतुर्थी उत्सव को मनाना शुरू कराया और उन्होंने ही गणेश विसर्जन की भी शुरुआत की। इसके पीछे कई कारण थे। उस समय में लोगों में एकता और संगठन बनाने की खातिर लाला लाजपत राय ने यह कदम उठाया था और आगे जाकर बड़े उत्सव के रूप में परिवर्तित हो गया। इससे उस समय में लोगों में काफी हद तक एकता बनाने मे मदद मिली।
कितने दिनों का उत्सव होता है❓️
गणेश उत्सव यानी गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक चलने वाला उत्सव है। इसमें पहले दिन गणेश जी की स्थापना की जाती है और दसवे दिन गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है। इन 10 दिनों में गणेश जी की पूजा आराधना की जाती है और गणेश जी के आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं।
अन्य बातें
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। वह हमारे विघ्नों को हरने का काम करते हैं। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती हैं। क्योंकि उन्हें पहले स्थान पर माना जाता है। गणेश जी रिद्धि सिद्धि के दाता है यानी उनकी पत्नियों का नाम रिद्धि और सिद्धि है। उनका वाहक मूषक होता है। गणेश जी को इन 10 दिनों में प्रसाद के तौर पर मोतीचूर के लड्डू और मोदक चढ़ाए जाते हैं। क्योंकि गणेश जी को यह दोनों बहुत ही पसंद है।