कलयुग का अंत: घोर कलयुग कब आएगा? जानिए कितना बाकी है

 कलयुग कितना बाकी है-घोर कलयुग कब आएगा: वेदों के अनुसार, हिंदू धर्म में चार युग होते हैं – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। कलयुग धर्म का अंतिम युग है और सभी धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। इस लेख में, हम देखेंगे कि कलयुग कितना बाकी है और घोर कलयुग कब आएगा।

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भविष्यवाणी कला का महत्व

कल्पना करना मुश्किल हो सकता है कि आने वाले समय में क्या होगा। भविष्यवाणी कला उन लोगों की सहायता करती है जो भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं। हिंदू धर्म में भविष्यवाणी कला का विशेष महत्व है।

सतयुग – धर्म का सोने का युग

सतयुग को धर्म का सोने का युग कहा जाता है। इस युग में लोग ईश्वर के प्रति विश्वासपूर्वक रहते हैं और धर्मपरायण जीवन जीते हैं। ईश्वर की भक्ति में रत ज्ञानियों की संख्या अधिक होती है।

त्रेतायुग – यज्ञ का युग

त्रेतायुग में यज्ञ का युग होता है। लोग यज्ञों का अधिक पालन करते हैं और धर्म के मार्ग पर चलते हैं। इस युग में भगवान विष्णु अवतार रूप में प्रकट होते हैं।

द्वापरयुग – धर्म का रजत का युग

द्वापरयुग में धर्म का रजत का युग होता है। इस युग में मनुष्य धर्म के पथ से हटने लगते हैं और अधर्म की वृद्धि होती है। भगवान कृष्ण द्वापरयुग में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।

कलयुग – अधर्म का युग

कलयुग को अधर्म का युग कहा जाता है। इस युग में लोग धर्म से विचलित हो जाते हैं और अनैतिकता की वृद्धि होती है। भगवान की पूजा की जाने वाली धरोहर खो दी जाती है। यह युग कलियुग नामक राक्षसी व्यक्ति के आगमन के साथ अंतिम युग होता है।

कलयुग कितना बाकी है?

कलयुग की अवधि 4,32,000 वर्ष है। इस युग में अधर्म की वृद्धि होती है और मनुष्य के अध्यात्मिक गुण घटते जा रहे होते हैं। इसका पालन संभव नहीं होता है और समय के साथ यह युग अधिक अधर्मपूर्ण होता जा रहा है।

घोर कलयुग कब आएगा?

वेदों में बताया गया है कि कलयुग के अंत के बाद एक और युग आएगा जिसे घोर कलयुग कहा जाएगा। घोर कलयुग में धर्म का पूर्ण अधर्म के प्रति विजय होगा। इस युग में विश्वास, सजगता, और नेतृत्व की कमी होगी। लोग एक-दूसरे के विरुद्ध होंगे और असामंजस्यता फैलेगी। यह युग कलयुग के बाद शुरू होगा।

अंतिम शब्द

कलयुग धर्म का अंतिम युग है जो अधर्म के युग के रूप में जाना जाता है। इस युग में मानवता को धर्म के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। हम सभी को अपने जीवन में धार्मिकता और ईश्वर भक्ति को ध्यान में रखकर अधर्म का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

5 अद्भुत पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. कलयुग का अधिकतम समय क्या है? कलयुग की अवधि 4,32,000 वर्ष है।

  2. क्या कलयुग में धर्म का पालन संभव है? हां, कलयुग में धर्म का पालन संभव है लेकिन अधर्म की वृद्धि होती जा रही है।

  3. घोर कलयुग कब आएगा? वेदों में बताया गया है कि घोर कलयुग कलयुग के बाद आएगा।

  4. कलयुग में कौन-कौन से अवतार आएंगे? कलयुग में अधर्म के विकराल अवतार कलियुग नामक राक्षसी व्यक्ति के आगमन के साथ अंतिम युग होगा।

  5. कौन सा युग भगवान कृष्ण ने अवतरित होकर गुजारा था? भगवान कृष्ण ने द्वापरयुग में पृथ्वी पर अवतरित होकर गुजारा था।

निष्कर्ष

कलयुग धर्म का अंतिम युग है और यह अधर्म के युग के रूप में जाना जाता है। धर्म के पथ पर चलने के लिए हमें अपने अध्यात्मिक गुणों को सुधारने की आवश्यकता है और ईश्वर की भक्ति को ध्यान में रखना होगा। घोर कलयुग के आगमन को ध्यान में रखते हुए हमें अधर्म का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

इस समय भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करना कठिन हो सकता है, लेकिन हमें अपने धर्मिक मूल्यों को समझने और पालन करने का प्रयास करना चाहिए। धर्म के मार्ग पर चलते हुए हम अपने जीवन को उदार, संवेदनशील, और सजीव बना सकते हैं।

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