कोई भी आधी अधूरी चीज ही दुख का कारण बनती ।

कोई भी आधी अधूरी चीज ही दुख का कारण बनती।

      जी हां आपने सही सुना अगर ज्ञान संपूर्ण हो तो सुख की प्राप्ति होती है अगर आपके पास बिल्कुल नहीं है। तो भी आप दुखी नहीं होते हैं उससे आपको तकलीफ होती है। उतनी नहीं तकलीफ होती जितनी आपको आधा अधूरा ज्ञान प्राप्त करने से होते हैं दूसरे एक उदाहरण लेते हैं जैसे कि विश्वास अगर विश्वास रिश्तो में पूरी तरह किया जाए तो उससे सुखी संबंध और कोई नहीं हो सकता मगर यहां पर आधा अधूरा विश्वास किया जाए अपने संबंध पर तो ना चाहते हुए भी आप अपने संबंध में दुख को आमंत्रित कर रहे हो तो फिर आज इस टॉपिक पर चर्चा करेंगे।

कोई भी आधी अधूरी चीज ही दुख का कारण बनती

अधूरा विश्वास।

कहा जाता है कि अगर किसी रिश्ते को निभाना है तो उस रिश्ते की डोर विश्वास से बंधी होती है। अगर किसी रिश्ते में विश्वास नहीं होता तो वह रिश्ता ज्यादा देर तक दिखता नहीं इसीलिए रिश्तो में एक दूसरे पर विश्वास होना बहुत ही महत्वपूर्ण बात है मगर आज के समय में किसी पर भी संपूर्ण विश्वास किया नहीं जा सकता क्योंकि आज के समय में लोग स्वार्थी हो गए हैं दूसरों से ज्यादा अपना पहले सोचते हैं।

अखियां आप अपने रिश्ते में अपने पार्टनर पर पूरा भरोसा करते हुए तो ही आप अपने रिश्तो को लाली पूर्वक आगे बढ़ा पाएंगे अगर आपको अपने पार्टनर पर भरोसा नहीं होगा तो वह आपके जीवन को नर्क बना कर रख देगा आपका पार्टनर सही होते हुए भी आप उस पर शक करेंगे और यही शब्द आगे जाकर आपके रिश्ते की बर्बादी का कारण बनेगा इसीलिए हमेशा किसी भी रिश्ते में वह चाहे बिजनेस का हो या लड़का हो जीवन के हर पहलू में हमें हमारे संबंधों में आंखें खुली रख कर विश्वास करना चाहिए अगर टाइम किसी पर भरोसा नहीं करना चाहते तो बिल्कुल मत कीजिए या तो फिर करना चाहते हैं। तो बस कुछ भी हो जाए वह भरोसा टूटना नहीं चाहिए नो डाउट भरोसा करना है पर आंखें खुली रखकर करना है।

अधूरा ज्ञान।

जी हां आपने सही सुना अधूरा ज्ञान यह भी दुख का कारण बन सकता है। यदि आपके पास किसी भी क्षेत्र का संपूर्ण किया नहीं तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता वह आपके जीवन में सुख आना निश्चिंत है परंतु उस क्षेत्र का आपको आधा अधूरा ज्ञान हो तो वह आपका बहुत भारी पड़ सकता है सर मैं आपको एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण से समझाने की कोशिश करता हूं हम सब ने महाभारत तो देखी हुए हैं उसमें हमने देखा है। कि जब अभिमन्यु अपनी मां के पेट में था तब उसने अपने पिता श्री से यानी अर्जुन से चक्रव्यूह को भेजना तो सीख लिया था पर उस समय चक्रव्यू से बाहर कैसे निकलना चाहिए वह नहीं सीख पाया था जब औरों का और पांडवों का युद्ध चल रहा था तब जब गौरो ने चक्रव्यू राजा तब अभिमन्यु ने उस चक्र फोटो भेज तो दिया पर उसे वापस बाहर नहीं निकल पाया अगर उस समय अभिमन्यु के पास संपूर्ण ज्ञान यानी चक्रव्यू को कैसे भेजना है और कैसे चक्रव्यू से बाहर आना है होता तो शायद महाभारत के युद्ध में लास्ट में अभिमन्यु जीवित होता पर ऐसा नहीं हुआ यह अधूरा ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

इसीलिए ज्ञान ले तू बुला ले वरना कभी ना लें कोई भी चीज जो आधी अधूरी होते हैं वह कभी ना कभी हमें बहुत बड़ी दुखद परिस्थिति में डाल सकती है।

अगर किसी क्षेत्र का ज्ञान हासिल करें तो संपूर्ण ज्ञान हासिल करें अगर संपूर्ण ज्ञान हासिल ना कर पाए उस चीज का तो फिर ज्ञान अर्जित करना ही रहने दे क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान आपको बहुत दुविधा में डाल सकता है ज्ञान हासिल करना बहुत सी अच्छी बात है जब जब मौका मिले तब तब जहां जहां मौका मिले वहां वहां ज्ञान हासिल करते रहना चाहिए।

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