सकारात्मक सोच किसे कहते हैं?
यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमें व्यक्ति किसी खराब स्थिति में भी अच्छी बात को ढूंढ़ लेता है, अर्थात व्यक्ति चाहे उसके साथ बुरा कुछ भी हो रहा हो, वह अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से उसमें अच्छी बातों को खोज लेता है। यह सकारात्मक बातें उसकी जीवन में सुखी होने में मददगार होती हैं। सकारात्मक सोच आपकी खुशी के द्वार की चाबी है, इसलिए अपने जीवन में सकारात्मक सोच को अपनाने की कोशिश करें।
सकारात्मक विचार को सकारात्मक सोच या एक उत्साहपूर्ण मानसिक स्थिति के रूप में जाना जाता है। यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति चुनौतियों और अवसरों के साथ सक्रिय और सकारात्मक ढंग से निपटने की क्षमता बनाए रखता है। सकारात्मक विचार व्यक्ति को आत्मविश्वास, स्वयंसेवा, आत्मसम्मान, संघर्ष और प्रगति की संभावनाओं के प्रति अनुकरण करने में मदद करता है। इसका प्रभाव व्यक्ति की दैनिक जीवनशैली, कार्यप्रणाली, संबंधों और उनके आस-पास की दुनिया पर होता है। सकारात्मक विचार व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ और संतुलित बनाता है और उसके जीवन की गुणवत्ता और सुख स्तर को बढ़ाता है।
सकारात्मक सोच के फायदे
1.स्वास्थ्य में सुधार:
सकारात्मक सोच स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। यह तनाव को कम करने, मानसिक तनाव से उबरने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, और मनोवैज्ञानिक रोगों के जैसे डिप्रेशन और अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है।
2.स्थायित्व और सफलता:
सकारात्मक सोच आपकी सोचने की क्षमता को सुधारता है और स्थायित्व को बढ़ाता है। यह आपको आत्मविश्वास, संघर्ष के साथ निपटने की क्षमता, नए मौकों का अनुकरण करने की क्षमता और सफलता के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा प्रदान करता है।
3.रिश्तों में सुधार:
सकारात्मक सोच आपके संबंधों को सुधारने में मदद कर सकता है। यह आपकी वाणी, व्यवहार, और उपयोगी सोच को प्रभावित करके दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करता है। यह आपके संबंधों में समझौता, सहयोग, और समर्थन को बढ़ाता है।
4.समस्याओं का समाधान:
सकारात्मक सोच समस्याओं को समाधान करने में मदद कर सकता है। जब आप सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, तो आप समस्याओं को नई सोच और नए हल की ओर देखने की क्षमता प्राप्त करते हैं। यह आपको उत्पादकता, नवाचार, और उच्चतम स्तर के सोचने की क्षमता प्रदान करता है।
5.खुशहाली और सुख:
सकारात्मक सोच आपके मन को खुश और संतुष्ट रखने में मदद करता है। यह आपको अपने जीवन के साथ आनंद और सुख का आनुभव करने में मदद करता है।
सकारात्मक सोच कैसे विकसित करें:
सकारात्मक सोच करना एक मानसिक अभ्यास है, जिसके माध्यम से आप अपने दिमाग को ऐसे तरीके से प्रशिक्षित कर सकते हैं, जो आपको नकारात्मकता और संकुचित सोच से बाहर निकलकर जीवन में सकारात्मकता और उत्साह प्रदान कर सके। निम्नलिखित चरणों का पालन करके आप पॉजिटिव थिंकिंग कर सकते हैं:
1. अपनी विचारधारा को ध्यान में रखें:
जब आप नकारात्मक विचारों का अनुभव करते हैं, उन्हें पहचानें और उन्हें सकारात्मकता के साथ बदलने के लिए प्रयास करें। अपने विचारों पर नियंत्रण रखने के लिए उपयोगी और सकारात्मक मंत्रों का उपयोग करें।
2. सकारात्मक संबंध बनाएं:
आपके आस-पास लोग होते हैं जो आपकी सोच और भावनाओं को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक और सहायतापूर्ण लोगों के साथ संबंध बनाने का प्रयास करें, जो आपकी प्रगति और उत्साह को बढ़ावा देते हैं।
3. सकारात्मक विचारधारा
आप अपने जीवन में क्या देख रहे हैं, क्या सुन रहे हैं और किसके साथ रह रहे हैं, यह सब आपको प्रभावित करता है। इसलिए, जीवन में जो भी देखें, वह सोच समझकर देखें या नहीं। कोई मूवी देख रहे हैं तो ऐसी मूवी देखें, जिसमें सकारात्मक विचारधारा हो, न कि आपको नेगेटिव विचार की ओर ले जाए।
4. सत्य:
ऐसे लोगों को सुनिए जो आपको सत्य की ओर ले जाने की कोशिश करें और आपको मोटिवेट करें, सत्य से अवगत कराएं, न कि आपको झूठ दिखाकर डराने की कोशिश करें।
5. मेडिटेशन:
रोज सुबह उठकर थोड़ी बहुत कसरत करने के बाद योग इत्यादि करें और अवश्य मेडिटेशन करें, क्योंकि यह आपको सकारात्मक विचारों की ओर ले जाने की कोशिश करेगा।
6. पुस्तकों का अध्ययन:
अच्छी-अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करें, जैसे कि भगवद्गीता, “हाउ टू स्टॉप वर्रींग एंड स्टार्ट लिविंग” और “एस धोनी: एन आउट ऑफ नंबर्स”। ये पुस्तकें आपको सही दिशा देने का कार्य करेंगी और आपके मन से नेगेटिव विचारों को दूर करेंगी।
सकारात्मक सोच देने वाली किताबें:
1. भगवद् गीता – भगवान श्री कृष्ण
यह पुस्तक एक ऐसी पुस्तक है जो आज तक के सबसे बड़े मोटिवेशन के लिए इस्तेमाल हुई है, अर्थात् नकारात्मक सोच से सकारात्मक सोच की ओर ले जाने के लिए निर्मित हुई है। यह महाभारत में कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को लड़ने के लिए तैयार करने के लिए श्री कृष्ण जी द्वारा रचित की गई थी।
2. “हाउ टू स्टॉप वरी एंड स्टार्ट लिविंग” – डेल कार्नेगी
यह पुस्तक हमें नकारात्मक सोच से सकारात्मक सोच की ओर ले जाने में सबसे कारगर पुस्तकों में से एक है। यदि आपने इसके शुरुआती दो-तीन अध्याय पढ़ लिए हों तो भी आपको नकारात्मक विचारों से बाहर आने में काफी मदद मिलेगी।
3.”सकारात्मक सोच की शक्ति” (The Power of Positive Thinking) – नॉरमन विनसेंट पील
यह किताब नॉरमन विनसेंट पील द्वारा लिखी गई है और इसमें वे सकारात्मक सोच के महत्व को बताते हैं। यह किताब आपको नेगेटिव सोच से मुक्त होने और जीवन में उच्चतम स्तर की सफलता को प्राप्त करने के लिए उत्साहित करेगी।
4.”माइंडसेट: सकारात्मक विचारों की साधना” (Mindset: The New Psychology of Success) – कैरोल ड्वेक
इस पुस्तक में कैरोल ड्वेक ने सकारात्मक माइंडसेट के महत्व को खोजा है। यह किताब आपको विचारों की ताकत को समझने, सकारात्मक रूप से सोचने और संघर्ष की दृष्टि से सफलता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
5.”इंस्पायर योरसेल्फ” (Inspire Yourself) – वर्निका वेलच
यह किताब वर्निका वेलच द्वारा लिखी गई है और इसमें उन्होंने सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया है। यह आपको आत्मविश्वास बढ़ाने, सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करने और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
6.”ये भी अच्छा हो जाएगा” (The Subtle Art of Not Giving a F..k) – मार्क मैंसन
इस पुस्तक में मार्क मैंसन ने सकारात्मकता को अपनी अनूठी दृष्टि से देखा है। यह किताब आपको अपनी सोच को बदलने, अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया को सुधारने और सच्ची सुख और सफलता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
यदि आप सभी पुस्तके ना पढ़ पाए तो कोई बात नहीं है सिर्फ ऊपर की एक यानी श्रीमद्भगवद्गीता को ही पढ़ लीजिएगा आप खेमन से सारे बुरे ख्याल नेगेटिव विचार खत्म हो जाएंगे और यदि आपको पढ़नी है तो दूसरी हाउ टू स्टॉप वरी एंड स्टार्ट लिविंग को एक बार पढ़ लीजिएगा यह भी आपको बहुत मदद करेगी