एक कदम बदलाव की ओर। | Ak kadam badlav ki or

 

॥ बदलाव ॥

बदलाव 

बदलाव यह किसी भी मनुष्य के जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है। बदलाव ही संसार का नियम है। बदलाव यानी आज आप जैसे हो उससे कल बेहतर बनने की कोशिश। जीवन में कुछ हासिल करने के लिए परिवर्तन बहुत जरूरी होता है। आज आप देख सकते हैं कि जिन जिन लोगों ने अपने जीवन में कुछ किया है कुछ बने हैं उन्होंने पहले अपने आप में कई ऐसे बदलाव लाए हैं जिन बदलावों ने उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद की है।

आम तौर पर बदलाव दो प्रकार के होते हैं ।

<१> अच्छा बदलाव

<२> बुरा बदलाव

अच्छा बदलाव   

आपको आपके जीवन में आपके लक्ष्य को हासिल करने में मदद करें उस बदलाव को अच्छा बदलाव कह सकते है।

उदाहरण – कोई व्यक्ति पहले सिगरेट पीता था और अब उसने सिगरेट पीना बंद कर दिया। उस व्यक्ति ने जो बदलाव अपने आप में लाया उस बदलाव को अच्छा बदलाव कह सकते हैं।

बुरा बदलाव 

जिस बदलाव की वजह से आपके जीवन की अधोगति हो उस बदलाव को बुरा बदलाव कहते हैं।

उदाहरण – पहले कोई व्यक्ति था जो पहले नशा नहीं करता था पर अब उसे नशे की लत लग गई है। उस व्यक्ति ने जो बदलाव अपने आप में लाया जिसकी वजह से उसकी अधोगति होगी ऐसे बदलाव को बुरा बदलाव कहते हैं।

आमतौर पर मनुष्य में दो प्रकार के बदलाव देखे जाते हैं।

<१> शारीरिक बदलाव

<२> मानसिक बदलाव

शारीरिक बदलाव 

वैसे तो जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है। वैसे वैसे हमारे अंदर शारीरिक बदलाव होता रहता है। पर यह बदलाव तो कुदरती प्रक्रिया है। मैं उस शारीरिक बदलाव की बात कर रहा हूं जो हमारे द्वारा उठाए गए कदमों के कारण हमारे शरीर के अंदर देख ने को मिलता है। शारीरिक बदलाव के लिए हम रोज सुबह उठकर योग, व्यायाम, प्राणायाम आदि कर सकते हैं और अपने शरीर को मजबूत बना सकते हैं। यह तो अच्छा बदलाव हुआ अब बुरे बदलाव की बात करते हैं। आप नशे की लत में पढ़ कर अपने जीवन को बर्बाद भी कर सकते हो यह हुआ बुरा बदलाव। यह दोनों ही आपके हाथ में है। आपको निर्णय लेना है कि आप अपने आप में कौन सा बदलाव लाना चाहते हैं।

मानसिक बदलाव

मानसिक बदलाव में हमारा स्वभाव, कठोरता, निर्बलता, चतुरता, मूर्खता….. यह सब का समावेश होता है। जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो तब उसका दिमाग कोरे पन्नो की तरह होता है पर वह जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है वैसे वैसे वह कोरा पन्ना भराता जाता है। जैसा ज्ञान हम हमारे दिमाग में डालते हैं हम वैसे ही बनते जाते हैं। आपने देखा होगा कि जब हम किसी फिल्म को देखते हैं तब हम उस फिल्म के मेन कैरेक्टर की तरह सोचने और उसके जैसा बनने की चाह ना हमारे अंदर पैदा होती है। ऐसा ही तो काम करता है हमारा दिमाग। जो भी आप दिमाग में इनपुट करोगे वैसा ही आपको आउटपुट मिलेगा। इसीलिए आप जीवन से संबंधित जीवन में सुधार लाने वाली,  जिस से आपको कुछ अच्छा जानने को सीखने को मिले ऐसी ऐसी अच्छी अच्छी पुस्तकें पढ़ें ।अच्छे-अच्छे वीडियो देखें जिसमें से आपको कुछ जानने को मिले। ऐसे तो कई तरीके हैं जिस से आप अपने आप मैं अच्छे बदलाव ला सके। हां बुरे बदलाव भी ला सकते हैं यह दोनों ही आपके हाथ में है।

सारांश

हां माना कि जीवन में होने वाले सभी बदलाव हमारे हाथ में नहीं है। यह वह बदलाव है जो कुदरती है। इसे छोड़कर होने वाले सारे बदलाव आपके हाथ में है। आप जैसे चाहो वैसे बदलाव अपने आप में ला सकते हो और अपने आप को उस दिशा में आगे बढ़ा सकते हो जहां आप पहुंचना चाहते हो।

                     

                         ॥  बदलाव जरूरी है। ॥

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