चिंता करने से क्या होगा । चिंता क्यों ना करें । चिंता करना कैसे छोड़े और बंद करें | chinta se kya hoga | chinta kyu na kare | chanta kese chhode | chinta kese bandha kare |

 चिंता क्या है ? 

        हम हमारी सामान्य भाषा में देखे तो चिंता उसे कहते हैं की जिस विषय में हम अधिकतर सोचा करते हैं। और हमारे मन में उसी विषय के बारे में विचार रहते हैं। हम किसी विषय पर चिंता करते हैं और सोचने लगते हैं कि यह होगा या नहीं, होगा यह कैसे होगा, यह कैसे मेरे से हो गया, और अधिकतम बातें हैं जो हम हमारे मन में लाते रहते हैं इससे कई अलग विचार भी हमारे मन में हो सकते हैं। हम हमेशा उसी विषय के बारे में सोचते रहते जिस का होना या ना होना हमारे हाथ में नहीं होता। फिर भी अक्सर हम इस विषय पर हमारे मन में चिंता करते रहते हैं। 

चिंता,जीवन कला,

चिंता करने से क्या होगा ? 

           मैं चिंता को क्या समझता हूं। मैं चिंता को वह समझता हूं कि जो एक मीठे फल में कीड़ा होता है ना उसको मैं चिंता समझता हूं और उस फल को हमारा मन हमारा शरीर समझता हूं। अगर उस मीठे फल से हम कीड़े को जल्द से जल्द नहीं निकालेंगे तो वह धीरे-धीरे करके उस फल को अंदर से खाता रहेगा और उस फल को एक दिन अंदर से पूरा खा जाएगा और वह फल अब फल नहीं रहेगा । कुछ काम का नहीं रहेगा। वैसे ही अगर हम अपने मन में रही चिंता को नहीं निकालेंगे तो वह हमें अंदर से उस कीड़े की तरह खा जाएगा। इसलिए चिंता करने से हम अंदर ही अंदर टूट जाएंगे हमें कुछ नए विचार नहीं आएंगे । और हमेशा उसी विषय के बारे में सोचते रहेंगे । आप किसी भी विषय पर चिंता करेंगे तो उसमें और उलझन जाएंगे इससे उल्टा कि आप जिस भी विषय पर चिंता कर रहे हैं वह चिंता बंद करके उसके हल ढूंढने में लग जाए। 

चिंता क्यों ना करें  ? 

          जैसे कि मैंने चिंता करने से क्या होगा उस टॉपिक में बताया की चिंता एक कीड़ा है जो हमें अंदर ही अंदर खा जाएगा। कुछ लोगों की चिंता ऐसी होती है कि वह कोई खास बात नहीं होती बस यूं ही बात बात पर चिंता करते रहते हैं। कुछ लोगों की समस्या बड़ी भी होती है । लेकिन समस्या कितनी भी बड़ी हो हमें उसका सामना करना चाहिए ना कि उसी में उसको अपने चारों ओर घेरा देना चाहिए। क्योंकि समस्या कितनी भी बड़ी होगी आपके चिंता करने से उस समस्या का हल कभी नहीं निकलेगा इसलिए आज ही चिंता करना छोड़ दें। 

चिंता करना बंद कैसे करें ? 

        चिंता करना बंद कैसे करेंगे उसके कई सारे उपाय हैं। और हमारी चिंता किस विषय पर है वह भी मायने रखता है। इसलिए सबसे पहले चिंता के बारे में समझ लीजिए एक कहावत है चिंता चिता के समान होती है” इसका मतलब है कि हम चिंता करेंगे और जितनी चिंता करेंगे वह हमारी चिता के समान है यानी कि हमें जला देगी हमें मार देगी। इसलिए आपकी जो भी चिंता हो उसके बारे में हल ढूंढना शुरू कर दीजिए। और उस हल पर काम करना शुरू कर दीजिए। और अगर आपकी चिंता कुछ और ही कारण की वजह से है जिसमें आपका कोई प्रॉब्लम नहीं लेकिन अंदरूनी चिंता है ।  तो आप अपने अच्छे कामों में समय बिता है ।  जिससे कि आपको अंदर से खुशी मिलती हो । हमेशा किसी काम में बिजी रहे और मन को कभी भी चिंता करने का मौका ना दें। जिससे आप काम में पूरा दिन लगे रहेंगे और रात को आपक काम की थकावट से नींद भी अच्छी आएगी। 

यह कुछ चिंता के बारे में बात थी। जो हमें करनी थी इससे अधिक हम आपको कुछ बुके पढ़ने के लिए रेफर करेंगे जो इस चिंता के बारे में हो और आपको अच्छे से आपके मन को शांत कर सके। कुछ लोगों को मैं नीचे लिंक में दे दूंगा जिससे आप उसे खरीदना चाहे तो कर ही सकते हैं। 

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