वेसे तो जल के कई प्रकार होते हैं। सामान तोर पर दो प्रकार है – सामान्य जल और भारी जल । अवस्था के आधार पर तीन प्रकार है – पानी, बर्फ और बाष्प। शुद्धता के आधार पर दो प्रकार है – शुद्ध जल और अशुद्ध जल।
जल ही जीवन है। जल के बीना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। जल के बीना जीवन संभव ही नहीं है । हमारा शरीर 60% जल से बना है और हम जल के बीना ज्यादा दीन तक जी नही सकते । जल के बीना खेती भी करना असंभव है क्यू की जल के बीना अनाज ,कठोल, फल,सब्जी इन सब की वृद्धि होना नामुमकिन है । आपके आसपास जो कुदरती सोंदर्य है उसका एक आधार स्तंभ जल ही है।
जल आपको जीवन भी दे सकता है और मृत्यु भी। पानी जब बाढ का स्वरुप ले लेता है तब वो नाही अमीरी देखता है, नाही गरीबी देखता है, नाही महेल देखता है और नाही झोपड़ पट्टी। तब वो काल बनके टूट पड़ता है और सबकुछ बहा के ले जाता है। तब वो किसी को नही छोड़त।
आज हमारे देश में कई ऐसी भी जगह है। जहाँ लोगों के पास पिने के लिए भी जल उपलब्ध नहीं है और जहाँ अभी पिने के लिए पानी उपलब्ध है । वहां आने वाले दिनों मे पानी मिलना मुश्किल होगा। इसी लिए हमारे पास जो पानी है उसका सदुपयोग करे । उसे ऐसे ही बरबाद मत किजीए। जितनी जरुरत हो उतना ही इस्तमाल करे और पानी की बचत करे। बरसत के मौसम में बरसात के पानी का संग्रह करें। क्यू की हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बेहतर कल दे सके।
अगर हम आज जल के महत्व को नही समझे तो आने वाला समय में हमे बहोत कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। अभी भी हमारे पास समय है।
॥●॥ अभी नहीं तो कभी नहीं ॥●॥
🙏 कृपया जल बचाइये 🙏
Great job 👏