जीवन एक संघर्ष है
जीवन एक संघर्ष है जब बच्चा अपनी मां के पेट में होता है। तब से लेकर जब वह श्मशान घाट में पहुंचता है। तब तक संघर्ष जारी रहता है। जीवन संघर्षों से भरा होता है इस जीवन के संघर्ष में हमें कई अच्छी बातें जानने को मिल सकती है और कई अच्छे-अच्छे अनुभव भी हो सकते हैं साथ ही साथ कई बहुत ही भयानक बहुत ही बुरे अनुभव भी हो सकते हैं। पर जीना तो इसी का नाम है।
बचपन में संघर्ष
जब छोटे होते हैं तब हम कोई भी कार्य करने के लिए सक्षम नहीं होते हम हर बात पर किसी न किसी पर निर्भर रहते हैं जैसे कि कोई छोटा बच्चा जो चलना भी नहीं सीखा और उसे बोलना भी नहीं आता वह खाना खाना हो तो भी उसे अपनी माता पर निर्भर रहना पड़ता है अगर उससे प्यास लगे तो भी वह खुद पानी तक भी नहीं मांग सकता और जब वही बच्चा थोड़ा और बड़ा होता है थोड़ा बहुत समझ नहीं रखता है तो खिलोनो के लिए जिद करने लगता है और उसके लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है ऐसे कई और छोटी-छोटी बातें जिसके लिए बच्चों को दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है संघर्ष की शुरुआत बचपन से ही हो जाती है।
युवानी में संघर्ष
जैसे ही बच्चा बाल्यावस्था से युवा अवस्था में प्रवेश करता है वैसे ही से कई अनेक प्रकार के संकट से गुजरना पड़ता है जैसे कि उस समय उसके पास शक्ती होती है पर पैसा नहीं होता उस वक्त युवा को अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है एक अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है कई बार कैरियर में असफल ता मिलने की वजह से युवा डिप्रेशन का शिकार भी हो जाता है इसीलिए कई बार युवा आत्महत्या भी कर लेता है इससे संघर्षों खत्म नहीं होता पर वह व्यक्ति जरूर खत्म हो जाता है। यह कोई निवारण नहीं है इससे आपके दुखों का अंत नहीं होगा युवावस्था ऐसी अवस्था है जिसमें युवान मानसिक तौर पर बहुत ही संघर्ष करता है इसीलिए युवा को इस अवस्था में शारीरिक तौर पर मजबूत होने के साथ मानसिक तौर पर भी मजबूत होना जरूरी है।
वृद्धावस्था में संघर्ष
वृद्धावस्था एक ऐसी अवस्था है जहां पर व्यक्ति के पास समय तो बहुत होता है और साथ ही साथ पैसे भी होते पर उनके पास शक्ती नहीं होती शक्ति के अभाव से यहां भी व्यक्ति को संघर्ष ही करना पड़ता है। संघर्ष हमारे जीवन का हिस्सा है। यह वृद्धावस्था में भी हमारा संघर्ष जारी होता है कई बार वृद्धा वस्था में हमें खाना खाने तक उठने बैठने तक के लिए भी दूसरों का सहारा लेना पड़ता है ऐसे तो अनेकों छोटे-मोटे संघर्ष वृद्धा अवस्था में हमारे सामने आते हैं ।
संघर्ष से एक नई ऊंचाई
संघर्ष मनुष्य को श्रेष्ठता की और ले जाता है मनुष्य संघर्ष सही बनता है बच्चा जब जन्म लेता है और जब वह वृद्ध होकर मर जाता है तब तक का संपूर्ण जीवन संघर्ष के साथ ही जीता है जीवन अगर संघर्ष से भरा ना हो तो वह जीवन किस काम का जीने का मजा तभी आता है जब जीवन संघर्षों से भरा हो आज दुनिया में लोग उन्हें लोगों को पहचानते हैं जिन लोगों ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है।
यदि आपके जीवन में संघर्ष है तो समझ लीजिएगा कि जिंदगी आपको एक नए मुकाम तक पहुंचाना चाहती है इसीलिए भगवान का शुक्रिया अदा कीजिए और संघर्ष को एक नए नजरिए से देखने की कोशिश कीजिए। क्योंकि जीना इसी का नाम है।