कोई भी व्यक्ति इस धरातल पर संपूर्ण ज्ञानी नहीं है।

 आज के समय में हमने किसी ना किसी एक को अपना सबकुछ मान लिया होता है चाहे वह बात रिश्ते में हो या आध्यात्मिक क्षेत्र की बात हो कोई बिजनेस की बात हो या कोई प्रेम की बात हो




तो आज हम अध्यात्म के क्षेत्र में थोड़ी चर्चा करेंगे इस चर्चा में हम व्यक्तित्व के स्वरूप को पहचानने की कोशिश करेंगे जहां पर व्यक्ति वह किसी एक व्यक्ति को ही सब कुछ मान बैठता है वह उसे भगवान मान बैठता है अगर वह व्यक्ति कुछ भी कह दे तो उसे पत्थर की लकीर मान लेता है आज के समय में कई ऐसे बाबा आ चुके हैं जो हर बात पर धर्म संसार जीवन इत्यादि बातों पर ज्ञान देते रहते हैं मैं यह नहीं कहना चाहता कि वह सब गलत कहते हैं पर यह बात भी सच है कि वह जो कहते हैं वह शत-प्रतिशत कई बार सत्य नहीं भी होता


अगर आप किसी व्यक्ति को अध्यात्म के क्षेत्रों में फॉलो करते हैं और उसके द्वारा आप अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो वह व्यक्ति जिसको आपने आध्यात्मिक गुरु बनाया हुआ है पहले उसके बारे में थोड़ा जान ले उनकी जो बात आपको सच्च नहीं लगती और धार्मिक ज्ञान पर शंका प्रश्न उत्पन्न होता है तो आप स्वयं खोज करें और ज्ञान प्राप्त करें आजकल हमें यह देखने को मिलता है अगर कोई व्यक्ति किसी गुरु को फॉलो करता है तो वह व्यक्ति गुरु की हर बात को पत्थर की लकीर ही मान बैठता है और उसे ही अनुसार ता है वह अपनी चेतना गवा बैठता है


यह बात याद रख ना कि कोई भी व्यक्ति इस धरातल पर संपूर्ण ज्ञानी नहीं है चाहे वह व्यक्ति कितना ही बड़ा क्यों ना हो कितने ही बड़े पद पर क्यों ना बैठा हो वह संपूर्ण ज्ञानी हो ही नहीं सकता हर व्यक्ति में छोटी बड़ी कमियां होती ही है और कोई ना कोई ऐसा क्षेत्र होता है जहां पर व्यक्ति उतना ज्ञान नहीं रह ता जितना उसके पास होना चाहिए इसीलिए जो जिस फील्ड में एक्सपर्ट है उनसे ही उन क्षेत्रों में सीखना चाहिए


कंई गुरु जो बोलते हैं उससे विरुद्ध ही उनका खुद का आचरण होता है ऐसे गुरुओं से हो सके उतना ही दूर रहना चाहिए और जो व्यक्ति जैसा बोलता है वैसा ही करता है उस व्यक्ति को ही अपना गुरु बनाना चाहिए गुरु अगर खुद ही ज्ञानी ना हो खुद ही सिश्तबध ना हो तो हो क्या अपने शिष्यो को ज्ञान दे पाएगा सिस्ट सीखा पाएगा इसलिए हमेशा सोच समझकर ही किसी बात को अपनाएं किसी व्यक्ति को फॉलो करें

किसी की अच्छी आदतों को अपनाना बुरी बात नहीं है किसी की बुरी आदतों को भी अच्छा समझ कर अपना लेना वह बहुत ही बुरी बात है इसीलिए सोच समझकर ही अपने बुद्धि का इस्तेमाल करके किसी के द्वारा कही गई बातों को समझे और अगर वह बाद आपको गलत लगे तो चाहे वह सामने कोई भी व्यक्ति क्यों ना हो आपके माता-पिता भी क्यों ना हो फिर भी उनकी बात नहीं माननी चाहिए हमेशा सत्य की और ही चलना चाहिए चाहे भले सत्य कितना ही कड़वा क्यों ना हो

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