आइए आपका स्वागत है। प्रेम के बारे में जितना लिखा जाए , कहा जाए जितना सुना जाए उतना कम है। प्रेम एक विस्तृत विषय है। मे आपको कम शब्दो में इस विषय की अहम जानकारी देने की कोशिश करूंगा। तो आइए शुरू करते है।
प्रेम वो है जो मुक्ति देता है। प्रेम वो है जो दो मनुष्योको जोडता है। एक दुसरे को समझने की शक्ति देता है। मनुष्य मे जीने की तमन्ना जगाता है। प्रेम की कोइ सीमा नहीं होती। कीसी से भी हो सकता है। प्रेम खुशीया देता है। प्रेम मे कुछ लेना नहीं होता सिर्फ देना होता है।
आज कल हमने प्रेम की व्याख्या ही अलग बना रखी है। प्रेम यानी कीसी लडके या लडकी के बिच होता है उसे ही प्रेम कहेते है। पर ऐसा नहीं है प्रेम कभी भी शारीरिक नहीं होता। एक मां जो अपने बच्चो से प्रेम करती है वो प्रेम निस्वार्थ होता है। आज कल के लडके-लडकी या जब प्रेम मे असफल होते है तब वो आत्महत्या करने की कोशिश करते है और कई आत्महत्या कर बी लेते है। उनके लिए मे एक कविता की कुछ पंक्तियाँ लिखना चाहता हूँ।
छोड दे सारी दुनिया किसी के लिए …….(2)
ये मुनासिब नहीं जिन्दगी के लिए ………(2)
प्यार से भी जरुरी कईं काम है………..(2)
प्यार सब कुच नहीं आदमी के लिए …….(2)
॥●॥ प्रेम जिवन देता है मृत्यु नहीं।
कई लोग हैं जो मोह को प्रेम का नाम देते है। वास्तव मे मोह और प्रेम यह दोनो अलग-अलग है। मोह बांधने का काम करता है जब प्रेम मुक्ति देता है। मोह का अथॅ ऐसा आकर्षण हे जिससे छूटा ना जा सके , ऐसा खिंचाव जिस पर हम काबु ना पा सके। मोह मे कुछ पाने के लिए हम हमारा सब कुछ दांव पर लगा देते है। मोह का पात्र कोइ व्यक्ति, कोइ वस्तु या फिर कोइ सत्ता हो सकता है। जिस प्रकार लोहा चुम्बक से छुट नहीं पाता उसी प्रकार मनुष्य मोह के बंधन से मुक्त नहीं हो पाता। हम मानते हैं कि मोह हमारे प्रेम का गहरा रुप है। हमारे मन का मोह हमे प्रेम लगता है। जब प्रेम होता है तब हम किसी के सुख की इच्छा करते है। जब मोह होता है तब हम किसी से सुख की कामना करते हैं। मोह मे किसी से सुख प्राप्त करने की कोशिश करते है और प्रेम मे सुख देने की कोशिश करते है। बस इतना ही तफावत है दोनो मे।
अंत मे इतना ही कहूँगा की प्रेम रंग, रूप, धनदोलत देख के नही कियाजाता प्रेम उसी से करना चाहिए जो आपको समझे, हर परिस्थिति में आपका साथ दे , आपको गलत राह पर जाने से रोके। उसीके साथ ही अपना पुरा जीवन व्यतीत करना चाहिए। कभी भी उस व्यक्ति को दुखी मत करना जो आपसे प्रेम करता हो। चाहे वो आपकी माता जी हो ,या पिता जी ,या भाई, या बहेन ,या पति-पत्नी या फिर कोइ दोस्त ही क्यू ना हो।
🙏 धन्यवाद 🙏