Rainy season precautions in hindi: वर्षा ऋतु में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?

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precautions in rainy season in hindi : वर्षा ऋतु में बीमारियाँ सबसे अधिक मात्रा में देखी जाती हैं। इसका मतलब है कि इस ऋतु में बीमारियों का जन्म सबसे अधिक होता है। जब वर्षा ऋतु में बारिश होती है और जगह-जगह पर पानी जमा रहता है, तो वहाँ मच्छर और अन्य कीटाणु उत्पन्न होते हैं और ये बीमारियाँ फैलाने का काम करते हैं। इस समय में डेंगू, मलेरिया, सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार जैसी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं और कई बार लोग इन बीमारियों में गिर जाते हैं। इसलिए वर्षा ऋतु में खाने-पीने का ध्यान रखना खास तौर पर आवश्यक है।

बरसात के मौसम में रखने वाली कुछ सावधानियां: 

क्या करना चाहिए?

बारिश में भीगना अच्छी बात है, परंतु अगर अधिक समय तक भीगे रहते हैं तो बुखार, जुखाम, इत्यादि होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए, हो सके तो बारिश में भीगने के बाद तुरंत सूखे और स्वस्थ कपड़े पहन लेने चाहिए।

अपने आसपास जहां पर भी पानी जमा होता है, वहां से पानी का निकाल करने का इंतजाम करें। क्योंकि जहां पर पानी पड़ा रहता है, वहां मच्छर इत्यादि उत्पन्न होते हैं और वे हमें बीमार करते हैं। इसीलिए, कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें।

रात को सोने से पहले दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लें, ताकि मच्छर अंदर कुछ न पाएं। और हो सके तो आयुर्वेदिक तेल जो मच्छरों को दूर रखने का कार्य करता है, वह लगाएं। और यदि संभव न हो तो मच्छरदानी जरूर लगाएं।

वर्षा ऋतु में जहां पर अधिक मात्रा में पवन आता है, ऐसी जगह पर नहीं सोना चाहिए। क्योंकि वर्षा ऋतु में हमारे शरीर के अंदर बात का प्रकोप बढ़ जाता है और अधिक पवन जहां पर आता है, वहां सोना हमारे लिए हितकारी नहीं होता। इसीलिए, जहां पर सामान्य मात्रा में हवा का आवन-जावन होता हूं, वहां पर सोना सही है।

भोजन कैसे लेना चाहिए?

  • वर्षा ऋतु में हमारे शरीर की अग्नि निर्बल होती है, इसलिए वर्षा ऋतु में जो खोराक पचने में भारी हो, वह नहीं लेना चाहिए, और जो आराम से सरलता से पच जाए, ऐसे खोराक का ही सेवन करना चाहिए।
  • ऐसे समय में बांसी खोराक नहीं खाना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में तीखे, कड़वे, कशेले भोजन का कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए, ऐसे भोजन का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  • मीठा, नमकीन, खट्टा, इन तीनों रसों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए, जो भी चीज मेरे पास यह तीनों रस मिलते हो, उसका अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  • ऐसे समय में घी सेवन करना आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा, क्योंकि हमारे शरीर में वात का शमन करने का कार्य करता है। यदि आपके पास घी नहीं है, तो आप तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं, वह भी वात के समर्थक कार्यकर्ता है।
  • इस ऋतु में आपको भिंडी, लौकी, टमाटर, प्याज, इत्यादि सब्जियां, जो पचने में हल्की हो,
  •  उनका ही प्रयोग करना चाहिए।
  • इस समय में गर्म मसालों का प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इस समय हमारी अग्नि मंद होती है।
  • वर्षा ऋतु में मकई का भट्टा खाना बहुत ही लाभदायक साबित होता है, जो आपको बारिश के मौसम में कहीं भी, और रोड के साइड में या कोई बाजार में आसानी से मिल जाता है।
  • ताजे भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
  • गर्म किया हुआ और उबला हुआ पानी ही पीना चाहिए।
  • जो जो चीजें हमारे शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने का कार्य करती है, वह सारी चीजें आप खा सकते हैं।

क्या नहीं करना चाहिए?

  • बारिश के मौसम में हमारे शरीर के अंदर वात का प्रकोप बढ़ जाता है, इसलिए वह सभी चीजें जो वात को बढ़ाने का कार्य करती हैं, हमें बारिश के मौसम में नहीं खानी चाहिए।
  • हमें बारिश में अधिक मात्रा में भीगना नहीं चाहिए।
  • जहां अधिक मात्रा में हवा आती हो, वैसी जगहों पर सोना नहीं चाहिए।
  • ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जो पचने में भारी हो और बासी हो।
  • इस समय में बाहर का खाना टालना है।
  • इस समय में तीखे, कड़वे, कसेले रस वाले भोजनों का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
  • हमारे आसपास जहां पानी जमा होकर पड़ा रहता है, उन जगहों से पानी निकालना चाहिए और उन्हें कट्था नहीं होने देना चाहिए।
  • बाहर के खुले में रखे हुए पानी को नहीं पीना चाहिए, क्योंकि उसमें हमारे शरीर के लिए हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं।
  • इस समय मांसाहार व्यक्तियों को मांस का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि मांस इन्फेक्टेड भी हो सकता है।

बारिश के मौसम में रखने वाली सावधानियां हैं:

जल संचयन करें: बारिश के दौरान जल संचयन करने के लिए टैंक या कंटेनर लगाएं। इससे आप पानी की कमी को पूरी कर सकते हैं और बारिश के समय पानी का व्यय भी कम कर सकते हैं।

गंदगी और प्रदूषण से बचें: जब बारिश होती है, तो प्रदूषण और गंदगी का खतरा बढ़ जाता है। अपने आस-पास के कचरे को सही ढंग से डिस्पोज करें और वातावरण के प्रति सतर्क रहें।

बारिश के दौरान सुरक्षित रहें: जब आप बारिश के बाहर होते हैं, तो विपरीत जलवायु के बदलाव के लिए तत्पर रहें। आपको बारिशी वस्त्र और जूते पहनने चाहिए जो सुरक्षा और अच्छे ग्रिप के साथ आते हैं। जब आप घर से बाहर जाते हैं, तो एक छाता या छत्र ले जाएं, जो आपको बारिश से बचाएगा।

रेलगाड़ी और सड़क सुरक्षा: बारिश के दौरान रेलगाड़ी और सड़कों पर सुरक्षित रहने के लिए सतर्क रहें। वाहन चलाते समय आपको धीमी गति पर चलना चाहिए, और यदि संभव हो, तो जब तक बारिश बंद नहीं होती है, यातायात से बचने के लिए घर पर रहें।

बारिश संक्रमणों से बचें: बारिश के मौसम में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। उचित हाइजीन और साफ-सुथरा रखाव करें, हाथों को नियमित रूप से धोएं और आपातकालीन स्थिति में अपने वैक्सीनेशन को अपडेट करें।

बिजली सुरक्षा: बारिश के समय आपको बिजली के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रहना चाहिए। आधिकारिक विद्युत रेखा से दूरी बनाए रखें और अगर आपको बिजली के गिरने का संकेत मिलता है, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।

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