एक डोर विश्वास की। | ak dor visvas ki

॥ विश्वास ॥

विश्वास (भरोसा) :

रिश्ते जिस दौर पर टिके होते हैं वह विश्वास की डोर होती है। विश्वास यानी कोई भी व्यक्ति अपनी वह बातें जो वह दूसरों को नहीं बताता वह सारी बातें बिना हिचकिचाहट आपको बताता है। तो समझ जाना कि उसे आप पर पूरा भरोसा है। विश्वास है कि आपको वह बात बताना सेफ है। कोई व्यक्ति आंखें बंद करके आपकी सारी बातें मानता है तो यह जो आप दोनों के बीच की समझ है उसे ही तो विश्वास कहते हैं।

जरूरत :

माना कि आज के समय में मनुष्य बड़ा ही स्वार्थी हो गया है पर यह स्वार्थ की डोर भी विश्वास से जुड़ी होती है। कोई भी रिश्ता भरोसे पर  टिका होता है। भरोसा खत्म तो रिश्ता भी खत्म हो जाता है। भरोसा हर किसी पर नहीं करना चाहिए। उन्हीं पर करना जिनको आप अच्छी तरह से जानते हो। वैसे तो आज के समय में इंसान को पहचाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। क्या पता कौन कैसा हो। जिस इंसान का दिल साफ होता है। उस पर आंखें बंद करके भरोसा करना चाहिए क्योंकि ऐसे इंसान कभी दूसरों को दुख नहीं पहुंचा ते। इसीलिए उन पर भरोसा करना सही माना जाता है।

दुनिया में जो भी कुछ हो रहा है वह सब एक दूसरे पर भरोसे के कारण ही हो पा रहा है। आज के समय में अगर आपको बिजनेस करना है तो पहले माल पहुंचाना पड़ता है और पेमेंट आने में छे-छे महीने और उससे भी ज्यादा समय लगता है। ऐसा इसीलिए चलता है क्योंकि यहां भी एक दूसरे पर भरोसा होना बहुत जरूरी है। बिजनेस भी विश्वास की डोर पर ही चलता है।

आज के समय में :

वैसे तो आज के समय में तो भाई-भाई का नहीं होता तो दूसरे की बात ही क्या करनी। हमारे आसपास हमें कई ऐसे किस्से देखे ने को मिलते हैं जहां पर जो लोग हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे, जहां भी देखने को मीले दोनों साथ में ही दिखाई देते। वैसे लोग भी एक दूसरे से दूर हो जाते हैं और उसके कारणों में से एक कारण यह होता है एक दूसरे पर से भरोसा खत्म हो जाना। लोग अपने स्वार्थ में मूल्यवान रिश्तो को खत्म कर देते हैं बिना कुछ सोचे समझे। भरोसा खत्म होने की वजह में से एक वजह होती है अपना निजी स्वार्थ।

आज के समय में हम सब से ज्यादा अगर किसी पर भरोसा कर सकते हैं तो वह है हम खुद। क्योंकि दूसरों पर भरोसा करने से अच्छा है कि हम खुद पर भरोसा करें। मैं ऐसा नहीं कह रहा कि दूसरों पर भरोसा नहीं करना चाहिए पर दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोसा होना जरूरी है। जीवन के संकट से निकलने में, जीवन में नई नई ऊंचाइयां छूने के लिए यह बहुत जरूरी है।

सारांश

जीवन में कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए और दूसरों पर बहुत सोच समझ कर ही भरोसा करना चाहिए।

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