ध्यान एक साधना । ध्यान के फायदे । ध्यान एक मुद्रा । dhyan ak sadhna| dhyan ak mudra | dhyan ke fayde |

 

ध्यान

ध्यान को हम इंग्लिश में मेडिटेशन कहते हैं। ध्यान यानी कोई भी काम जो आप कर रहे हो उसे पूरे फोकस के साथ करना। अगर आप पानी पी रहे हो तो पानी पीते समय आप सिर्फ पानी ही पी रहे हो। यानी कोई भी काम मैं अपना पूरा ध्यान लगाना। ध्यान एक पद्धति है। इसे आप कहीं भी अप्लाई कर सकते हो। ध्यान से आपके जीवन में बहुत बदलाव आ सकते हैं। इस दुनिया में अलग-अलग लोगों की ध्यान के प्रति अलग-अलग धारणाएं है। कई लोगों का कहना है की ध्यान के लिए आपके पास अनुकूल शांत वातावरण होना जरूरी है। पर कई लोगों का कहना है कि ध्यान कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। मेरे हिसाब से ध्यान यानी किसी भी काम को अपने पूरे फोकस के साथ करना।

ध्यान करने की विधि

ध्यान करने के लिए आप किसी भी शांत जगह का उपयोग कर सकते हैं। वहां जाकर पालटी लगाकर अपनी दोनों आंखों के मध्य में केंद्र बिंदु पर ध्यान लगाने को ध्यान कहा जाता है। जब आप अपने दोनों आंखों के मध्य में केंद्र पर जब ध्यान लगा रहे होते हैं। तब आपका पूरा ध्यान दोनों आंखों के बीच के केंद्र पर ही होना चाहिए। ध्यान आप कहीं भी किसी भी जगह पर कर सकते हैं। जैसे यहां पर मैं आपको स्वामी विवेकानंद जी का एक उदाहरण बताना चाहता हूं। जब एक बार स्वामी जी स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई कर रहे थे तब वहां से एक बारात पसार होती है। बारात पसार होने के बाद जब एक आदमी भागा भागा वहां आता है और स्वामी जी से पूछता है। क्या यहां से कोई बारात निकली है? तो स्वामी जी बताते हैं कि मुझे नहीं पता। जब कोई बारात जाती है तो उसमें नाच गाना और काफी सारे लोग होते हैं और स्वामी जी स्ट्रीट लाइट के नीचे थे। तो उनके सामने से ही बारात गए थी। पर उनको पता ही नहीं था क्योंकि उनका ध्यान पढ़ाई में था। इसलिए उनको पता ही नहीं चला कि कब बारात उनके सामने से निकल गए।  यह भी एक ध्यान का प्रकार है।

फायदे

ध्यान करने से आपका दिमाग शांत रहता है। आपके दिमाग में चल रहे विचार स्थिर हो जाते हैं। आप किसी भी काम को पूरे फोकस के साथ कर सकते हैं। आप मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं ऐसे तो अनेकों फायदे हैं। सभी का वर्णन करना यहां पर संभव नहीं ।है।

    

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