Dahi garam hota hai ya thanda: दही ठंडा है या गरम? दही खाने के फायदे

क्या दही गर्म है ? दही कब खाना चाहिए और किसे खाना चाहिए ?

आपने और मैंने सुना हुआ है कि दही ठंडा है और गर्मियों में नई को खाने से ठंडक मिलती हैं, पर यह बात किस हद तक सच है, आज हम इसे पता करने की कोशिश करेंगे।

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दही ठंडा या गर्म ? dahi thanda ya garam

आयुर्वेद के हिसाब से दही की तासीर गर्म होती है। आज तक हमने सुना है कि दही ठंडा होता है, पर ऐसा नहीं होता। दही की तासीर गर्म होती है और यह शरीर में गर्मी बढ़ा देता है। यह स्वाद में खट्टा होता है और जितना खट्टा दही होता है, उतनी ही उसकी तासीर गर्म होती है। जबकि ताजी दही थोड़ी कम मात्रा में गर्म होती है। इसलिए, जो लोग यह सोचकर दही को खाते थे कि दही ठंडा है और शरीर को ठंडक देता है, वे यह जान लें कि दही गर्म होता है।

दही किसे खाना चाहिए

जो लोग दुबले-पतले हैं, उनके लिए दही वरदान रूप साबित होता है क्योंकि दही आपके शरीर में अमित बढ़ाने का कार्य करता है। यानी आपके शरीर के अंदर चर्बी बढ़ाने का कार्य करता है, और आपके शरीर को हष्ट पुष्ट बनाने का कार्य करता है। दही खाने से आपकी शुक्र धातु में बढ़ावा होता है और सभी धातुओं को नरेश मेंट देने का कार्य करता है। जिन लोगों को बार-बार पेशाब आता है, उनके लिए यह रामबाण साबित हो सकता है। जिस व्यक्ति को बार-बार टॉयलेट जाने की तकलीफ रहती है, उनके लिए यह रामबाण साबित हो सकता है। जो व्यक्ति अपनी पाचन शक्ति को मजबूत बनाना चाहता है, उसके लिए भी दही बहुत ही कारगर साबित होता है। दही रक्त को बढ़ाने का कार्य करता है। जिनको बार-बार नाक बहती रहने, यानी नाक से पानी आते रहने की शिकायत रहती है, उन्हें भी दही खाना लाभमंद साबित हो सकता है।


दही किसे नहीं खाना चाहिए

जिस व्यक्ति में गर्मी यानी पित्त प्रकृति वाले लोगों को दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही की तासीर गर्म होती है और यह पित्त को बढ़ाने का कार्य करती है। दूसरे कफ प्रकृति वाले लोगों को भी दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही का कफ के प्रकोप को बढ़ाने का कार्य करता है। जिन लोगों को किसी भी प्रकार का चर्म रोग है उन्हें भी दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही को खट्टा बताया गया है और खट्टी चीजें चर्म रोग को बढ़ावा देने का कार्य करती हैं।

अल्सर में दही खाना चाहिए 

अल्सर में दही खाना फायदेमंद हो सकता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट की सेहत को सुधारने में मदद कर सकते हैं। यह पाचन क्रिया को सुधारने, पेट की इंफेक्शन को कम करने और पेट की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

हालांकि, हर व्यक्ति की अल्सर की स्थिति अलग होती है, इसलिए सर्वोत्तम राय के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होगा। आपके डॉक्टर आपको दही खाने की सलाह देने के बाद ही आप इसे अपने आहार में शामिल करें।

यदि आप दही खाना चुनते हैं, तो सावधानी बरतें और यह सुनिश्चित करें कि आपके लिए यह सही है। दही को साधारणतया ठंडा खाया जाता है और यदि आपको ठंडा खाने से परेशानी होती है, तो आप अपने दही को ठंडा न करके कमरे के तापमान पर रख सकते हैं और उसे गरम खाया जा सकता है। अपने आहार में दूसरे स्वास्थ्यप्रद तत्वों के साथ दही को शामिल करके आप संतुलित और स्वस्थ भोजन का आनंद ले सकते हैं।

शुगर में दही खाना चाहिए या नहीं 

शुगर में दही खाना आमतौर पर अच्छा माना जाता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो शरीर को अच्छे बैक्टीरिया प्रदान करते हैं और पाचन को सुधारते हैं। यह आपकी डाइट में प्रोटीन भी प्रदान करता है। हालांकि, यदि आपका शुगर लेवल अधिक होने की समस्या है या आपके डॉक्टर ने आपको दही खाने से रोका है, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर खाना चाहिए। वे आपको आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सटीक मार्गदर्शन कर सकेंगे।

दही कब खाना चाहिए

दही के खाने का सबसे उत्तम समय ठंडी के मौसम में होता है। क्योंकि दही की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे ठंडी ओके मौसम में खाना उत्तम बताया जाता है। आप इसे गर्मियों के दिनों में भी खा सकते हैं, परन्तु सबसे कारगर समय ठंडी के मौसम में ही बताया जाता है।

दही कब नहीं खाना चाहिए

इसे बारिश की ऋतु में खाना बहुत ही खराब माना गया है क्योंकि बारिश के दिनों में हमारी अग्नि बहुत ही मंद होती है और दही को गुरु बताया गया है यानी भारी बताया गया है। इसीलिए वर्षा ऋतु में इसे नहीं खाना ही आपके लिए अच्छा है। दही को सूर्यास्त के बाद भी नहीं खाना चाहिए। सूर्य अस्त होने से पहले ही खा लेना चाहिए।

दही किसके साथ नहीं खाना चाहिए

  • दही को खीरे के साथ नहीं लेना चाहिए।
  • बूंदी और नमक के साथ भी दही को नहीं लेना चाहिए।
  • दही को दूध के साथ भी नहीं देना चाहिए।
  • दही को कभी भी गरम नहीं करना चाहिए क्योंकि उसके अंदर जो बैक्टीरिया होते हैं वह दही को गर्म करने से मर जाते हैं और दही का जो बेनिफिट हमें होना चाहिए वह नहीं होता।

दही खाने के कई फायदे हैं।

  • दही वात जीत है, यानी सभी प्रकार की वात से होने वाली बीमारियों में दही कारगर साबित होती है।
  • दही पाचन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है।
  • दही हमारे शरीर में रक्त को बढ़ाती है।
  • दही शुक्र धातु को बढ़ाने का कार्य करती है।
  • दही शरीर में मेद को बढ़ाने का कार्य करती है।
  • दही हमारे शरीर को बलवान बनाने का कार्य करती है।
  • दही खाने से हमारी खाने की प्रति रुचि बढ़ती है।
  • दही दस्त और पेशाब से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी साबित होती है।

FAQs

1.  बवासीर में दही खा सकते हैं?

हां, बवासीर में दही खा सकते हैं। दही बवासीर के रोगी के लिए उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह पाचन को सुधारता है और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है। 

2. जुकाम में दही खाना चाहिए?

जुकाम में दही खाना फायदेमंद हो सकता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। यह आपकी नाक और गले की सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है। 

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