धर्म अर्थ काम मोक्ष का क्या अर्थ है ? dharm arth kaam moksh ka matlab

धर्म अर्थ काम मोक्ष – मतलब

जीवन का अंतिम लक्ष्य जिसे माना जाता है, वह है मोक्ष। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, जीवन हमें मोक्ष प्राप्ति के लिए ही मिलता है। मोक्ष यानी जन्म और मृत्यु के चक्र से परे हो जाना, बाहर निकल जाना और यही हमारा अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। मोक्ष प्राप्त करने के लिए हमें जीवन में मोक्ष के अलावा दिए गए 3 धर्म, अर्थ, काम का सहारा लेना चाहिए। धर्म, अर्थ, और काम का उपयोग ऐसे करना चाहिए, कि जिनके कारण हम मोक्ष को प्राप्त कर सके। तो चलिए शुरू करते हैं धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष क्या है यह जानने की कोशिश।

धर्म

धर्म माने नीति नियम, जो आपको आपके कर्तव्य की राह पर चलने की दिशा दिखाता है, जैसे कि जीवन में कोई किसी का भाई, किसी की बहन, किसी का पति, किसी की पत्नी, किसी का बाप, किसी की मां हो सकते हैं और इन जिम्मेदारियों को पूरी नीति पूर्णता के साथ निभाने को ही धर्म कहते हैं। 

दूसरा उदाहरण लेते हैं। जैसे कि हम एक मानव हैं और इस तौर पर हमारी कई जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे कि दूसरे प्राणी जो बोल नहीं सकते, जो हमसे कुछ कह नहीं सकते हैं, उनकी रक्षा करना हो सके, उतनी उनके जीवन में सहायता करना। ऐसे तो अनेक धर्म हमारे कर्तव्य हैं, जिन्हें हमें निभाना चाहिए, और धर्म भी हमें मोक्ष की ओर ले जाता है।

अर्थ

अर्थ माने पैसा, संपत्ति, धन, इत्यादि जो इसके अर्थ होते हैं, उन्हें मोक्ष प्राप्त करने के लिए व्यक्ति के पास होना चाहिए। वह अर्थ धर्म से कमाया हुआ होना चाहिए या फिर नीति की मार्ग पर चलकर कमाया हुआ होना चाहिए। और यह अर्थ सिर्फ हमारे, अर्थात् खुद के, लिए ही नहीं होना चाहिए, बल्कि इससे हमें दूसरों की मदद करनी भी चाहिए। जो जरूरतमंद हों, उनकी सहायता करनी चाहिए, क्योंकि अर्थ हमें मोक्ष की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।

काम

काम यानी इच्छा है, काम यानी जरूरतें, जैसे कि इस शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा खाना खाने की जरूरत होगी। सेहत अच्छी रहेगी के लिए कसरत करने की भी जरूरत होगी। ऐसे तो अनेकों को जरूरत होती है, जिसे हम काम कह सकते हैं। हमारी इच्छाएं भी ऐसी ही होनी चाहिए, जो हमें मोक्ष की ओर ले जाए। कहा जाता है कि मनुष्य की इच्छा होती है जब वह मरने के निकट हो तब भी खत्म नहीं होती। इच्छाएं कभी समाप्त नहीं होतीं, एक खत्म होती है तो वहां पर दूसरी शुरू हो जाती है। इसीलिए इच्छाएं भी ऐसी करें जो आपको मोक्ष की ओर ले जाएं।

मोक्ष

मोक्ष मोक्ष यानी जीवन मरण के चक्कर से मुक्ति, जीवन में यानी शरीर धारण करने के बाद होने वाली तकलीफ से मुक्ति, अवतार शांति, निरंतर सुख, सही मुक्ति कहलाती हैं। मोक्ष कहलाती हैं। मोक्ष पाना सरल नहीं है, उसके लिए कठिन तपस्या और कई संकटों का सामना करना पड़ता है। रोहतक पहुंचने में ऊपर बताए गए तीन धर्म अर्थ काम बहुत ही सहयोगी साबित होते हैं। जीवन का एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए मोक्ष। परंतु इस मायावी दुनिया में कई सारे लोग यह जानते हुए कि यह सब टेंपरेरी हैं, फिर भी उससे लगाकर लेते हैं और मुझसे दूर चले जाते हैं।

सारांश

धर्म, अर्थ, काम का उपयोग मोक्ष प्राप्ति के लिए ही होना चाहिए। हम जो भी कार्य करते हैं, उसका अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। मानव जीवन का एकमात्र लक्ष्य मोक्ष होना चाहिए, परंतु बहुत कम ही लोग इस लक्ष्य को हासिल कर पाते हैं। धन्यवाद।

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