धर्म से ही हम हैं और हम से ही धर्म । Dharm se hi ham he or hamse hi dharm |

“धर्म से ही हम हैं और हम से ही धर्म।”… यह वाक्य कितना सत्य है। इसके बारे में हम आज विस्तार से चर्चा करेंगे।🚩

🔴क्या सच में हम से ही धर्म है…

इस बात पर कई बड़े-बड़े लोगों के कई मतभेद है। कईयों का कहना है कि हम से ही धर्म है और कई लोगों का कहना है कि जब हम नहीं थे तभ भी धर्म था और आगे जब हम नहीं रहेंगे तब भी हमारा धर्म वैसा का वैसा ही रहेगा। पर इन दोनों में से सत्य क्या है। क्या वास्तव में हम से ही धर्म है। या फिर हमारे ना रहने के बाद भी धर्म रहेगा। देखने जाए तो यह दोनों बातें ना तो संपूर्ण सत्य है और ना तो संपूर्ण असत्य। आपको लग रहा होगा मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं पर आगे आगे आप सब समझ जाएंगे।

आज के समय में आप देख रहे होंगे कि सनातन धर्म और दूसरे धर्म के बीच एक अलग ही तनाव बना हुआ है। दूसरे धर्म के लोग अपने आप को श्रेष्ठ बता रहे हैं और दूसरी और हमारे धर्म के लोग हमे श्रेष्ठ बता रहे हैं। पर सत्य क्या है। सच्चे कहीं इन दोनों के बीच में छुपा हुआ है। आज के समय में हिंदुत्व की पूरे देश में हवा चल रही है। पर आज से कई साल पहले ऐसा ही लग रहा था जैसे कि हमारे धर्म विनाश की ओर आगे बढ़ रहा हो। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं की हम हमारी संस्कृति को भूल कर, हम पश्चिमी संस्कृति को ज्यादा पसंद करने लगे थे और आज भी पसंद करते हैं। पहले के जमाने में जब अंग्रेज थे तब उन्होंने हमारे धर्म के लोगों को नीचा दिखाने का बहुत प्रयास किए था और कई हद तक वह सफल भी रहे थे। क्योंकि पहले के जमाने में जब हमारे देश में अंग्रेज नहीं थे। तब कहीं भी आपको हिंदू धर्म के अलावा के लोग काफी कम देखने को मिलते थे। पर आज इनकी संख्या में बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली है।

इसके पीछे का कारण यह कि, जब मुगल सत्ता में थे। तब उन्होंने तलवार के जोर पर कई लोगों का धर्म परिवर्तन करवा दिया था और उनके बाद जब अंग्रेज आए तब उन्होंने भी धर्म परिवर्तन को बहुत ही बढ़ावा दिया। अपने धर्म को फैलाने का काम किया। तब से लेकर आज तक यह कार्य स्वतंत्र चालूही है। लोगों को या तो ताकत के जोर पर या तो कुछ लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।

ऐसा तो कभी नहीं होगा, पर अगर ऐसा हो गया की आगे जाकर हमारे देश में किसी और धर्म के लोगों की संख्या हमसे ज्यादा हो गई तो, आप यह लिख दीजिए कि यह देश कभी सेकुलर नहीं रहेगा और ना ही हिंदुओं का अस्तित्व रहेगा। क्योंकि यह आप आज भी देख सकते हैं कि, उनकी संख्या कम है फिर भी क्या क्या हो रहा है। इसीलिए हम ही नहीं रहेंगे तो हमारा धर्म कहां से रहेगा। यह भी काफी हद तक सच यही है और हमें इसे स्वीकारना ही होगा।

हम नहीं थे तब भी सनातन धर्म था, हम हैं तब भी है और हम नहीं रहेंगे तब भी रहेगा। इस बात को सत्य मानकर आज हम देख सकते हैं कि हम कहां थे पहले और आज कहां पर है। यह इस बात की पूर्ति करता है कि आगे क्या होगा। पहले हिंदू राजाओं का शासन अफगानिस्तान, इस तरफ लंका तक, उत्तर में चीन और पूर्व में कई क्षेत्रों तक था और आज कहां तक है वह आप सबको पता है।

🔴धर्म से ही हम हैं…

यह वाक्य काफी हद तक सच है। क्योंकि अगर धर्म यानी एक संगठन, एक विचारधारा, एक सांस्कृतिक विरासत जो हमें हमारे बाप दादा ओसे मिली है। उसने हमें बहुत कुछ दिया है। अगर यह बात सच ना होती तो आज तक हम हिंदुओं का अस्तित्व मिट चुका होता। क्योंकि हम पर कई साल मुगलों ने राज किया, कई साल अंग्रेजों ने राज किया फिर भी हम टिके हुए हैं। इसके पीछे का कारण एक ही है वह हमारा सनातन धर्म। इसीलिए धर्म से ही हम हैं और हम से ही धर्म है। यह दोनों बातें एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

“धर्म से ही हम हैं और हम से ही धर्म है।”

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