कर्मफल या किस्मत। कर्मफल का सिद्धांत। Karmfal ya kismat । Karmfal ka siddhant |

कर्मफल का सिद्धांत कैसे काम करता है। क्या सच में हम जो करते हैं, वैसा ही हमें मिलता है। या फिर हमारे कर्म का और हमें जो मिलता है, उसका कोई लेना देना ही नहीं है। तो आज हम इसके बारे में जानेंगे।



कर्मफल किसे कहते हैं…

आज और अभी हम जो कर रहे हैं और जो हमने भूतकाल में किया था। उस सब कर्मों का जो हमें फल मिलता है। उसे ही कर्मफल कहा जाता है। कर्मफल यानी हमारे द्वारा किए गए कर्मों का फल। अब यहां पर सवाल यह उठता है कि क्या सच में कर्मफल नाम की कोई व्यवस्था बनी हुई है। या सिर्फ यह धोखाधड़ी है। या तो कर्म व्यवस्था हो सकती है या फिर नसीब हो सकता है। क्योंकि नसीब तो उसे ही कहा जाता है, जिसमें कई लोगों को जो प्राप्त होता है। उसका प्रयत्न भी कभी नहीं किया होता पर वह प्राप्त होता है, और कभी-कभी लोग कुछ प्राप्त करने के लिए बहुत कुछ करते हैं पर वह उन्हें प्राप्त कभी नहीं होता।

क्या सच में किस्मत नाम की कोई चीज होती है…

आज के समय में लोग किस्मत और कर्मफल को अलग अलग मानते हैं। पर उन्हें यह पता नहीं है कि किस्मत भी हमारे द्वारा किए गए कर्मों का ही फल होता है। जो भी चीज हमें प्राप्त होती है, वह चाहे कोई भी कीमती चीज हो, या कोई दुख हो, या कोई सुख हो, वह हमारे किए गए कर्मों का ही फल होता है। तो आप चाहे तो आप किस्मत को कर्मफल कह सकते है। आजकल अपने सुना ही होगा इसकी तो किस्मत अच्छी थी इसलिए यह परीक्षा में पास हो गया, इसकी तो किस्मत अच्छी थी इसलिए आज करोड़पति है, ऐसी तो आपने कई अनगिनत बातें सुनी होगी।

इन सब बातों का एक ही जवाब है। की किस्मत या दूसरी भाषा में नसीब सब कहीं ना कहीं हमारे किए गए कर्मों के सिद्धांत से जुड़े होते हैं। बस लोगों ने सिर्फ अलग-अलग नाम रख दिए हैं। बाकी होते तो यह भी कर्मफल का हिस्सा है।

हमारे कर्मों का फल कितने समय में मिलता है…

इस प्रश्न का उत्तर यह है कि आपके द्वारा किया गया कर्म किस प्रकार के है। उसके हिसाब से ही आपको उसका फल मिलता है। इसे हम एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। आपके सामने गरम पानी की बाल्टी पड़ी हुई है। पर आपको पता नहीं है कि उसमें गरम पानी है। अचानक आप अपना हाथ उस में डाल देते हैं। तो उस वक्त आपका हाथ जल जाता है। अभी जो यहां पर आपने पानी में हाथ डालने की क्रिया कि वह आपने अपना कर्म किया और दूसरी ओर बाल्टी में हाथ डालते ही आपका हाथ जलने लगा, यह आपके किए हुए कर्म का कर्मफल मिला। यानी कई ऐसे भी कर्म होते हैं, जिसके कर्म फल आपको तुरंत ही मिल जाते हैं।

कई ऐसे भी कर्म होते हैं। जिनके फल आपको कुछ समय बीत जाने के बाद मिलते हैं। जैसे कि आप सच्चे मन से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और आपको 1 साल में परिणाम नहीं मिला। आपने तैयारी करना नहीं छोड़ा। आप तैयारी करते ही गए और जब आप कोई परीक्षा पास कर लेते हैं। तो यहां पर आपने कर्म तो 1 साल पहले से ही शुरू कर दिया था। पर उसका फल आपको 1 साल बाद मिला। ऐसे ही कई ऐसे भी कर्म होते हैं। जिनका फल हमें तुरंत देखने को नहीं मिलता। यह किसी समय का मोहताज नहीं होता।

आपके द्वारा किए गए कर्मों का फल आपको तुरंत मिल सकता है, या कुछ समय बाद मिल सकता है, या कुछ साल बाद मिल सकता है। पर इतना पक्का है, कि आपके द्वारा किए गए कर्मों का फल आपको जरूर मिलता है।

अगर हम कर्म ही ना करे तो…

इस संसार में कोई भी मनुष्य, कोई भी जीव जो जीवित अवस्था में धरती पर है। वह कभी भी कर्म हमसे मुक्त नहीं हो सकता है। जाने अनजाने ही सही पर वह कर्म करता ही रहता है। हम इंसान कभी भी कर्मों व्यवस्था से अलग नहीं रह सकते, क्योंकि अगर आप कुछ भी किए बिना बैठे हो, तो वह भी आपका कर्म है। अगर आप खाना खा रहे हो, तो वह भी आप का करम है। अगर आप सो रहे तो वह भी आप का करम है। इन सब का फल आपको किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है। इसीलिए हमेशा अच्छे अच्छे कर्म करते रहिए और प्रभु का धन्यवाद करते रहिए।

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