क्या रिश्ते निभाना आसान है ? रिश्तेदारी कीस के साथ निभानी चाहिए ? Rishte nibhana aasan

        क्या रिश्ते निभाना आसान है ? रिश्तेदारी कीस के साथ निभानी चाहिए ? Rishte nibhana aasan hai or kaise nbhaye

         रिश्ते का दुसरा नाम ही जिम्मेदारी है। मित्र की मित्र के प्रति जिम्मेदारी,  पिता को पुत्र की और पुत्र को पिता की जिम्मेदारी,  भाई-बहेन को एक दुसरे की जिम्मेदारी, जितने भी रिश्ते है उन सब मे एक दुसरे के प्रति जिम्मेदारीया होती है। कोइ भी रिश्ता स्वार्थ की खातिर नहीं होना चाहिए क्यू की स्वार्थ की खातिर तो लोग गधे को भी अपना बाप बनाने को तैयार हो जाते है। जो रिश्ता स्वार्थ से होता है वो लंबा नहीं  टीकता । क्यू की स्वार्थ पुरा होने के साथ ही रिश्ता खतम कर देते है लोग। 

          सुख मे तो हर कोई साथ होता है पर जो दुख मे भी आपके साथ खडे हो वही सच्चे रिश्तेदार है। उनका साथ कभी मत छोड़ना । उन्हे  कभी अपने से दूर मत जाने देना। वो कोइ अपने भी हो सकते है और कोई पराये भी । इसी लिए कहा जाता है कि कोन अपना है और कोन पराया ये हमे संकट के समय मे पता चल जाता है। जिस व्यक्तिने आपका बुरे वक्त मे साथ दिया है उसका साथ कभी नहीं छोड़ना क्यू की ऐसे लोग बार बार नहीं मिलते। अगर कभी हीरा कीचड़ मे भी गिर जाये तो भी उठा लेना चाहिए क्यू की कीचड़ मे गिरने से भी उसकी कीमत कम नहीं होती।

          जिनसे हमारी भावनाए जुडी होती है उनसे हमारा रिश्ता अपने आप जुड जाता है। ऐसा नहीं है कि रिश्ते सिर्फ मनुष्यों के बिच ही होते है।  हमारा रिश्ता किसी प्राणी या कीसी पक्षी के साथ भी हो सकता है। इस के कईं उदाहरण हमे अपने आस-पास देखने को मिलते है। 

        आज-कल मनुष्य को पहचानना बहोत ही कठिन हो गया है। क्यू की मनुष्य दिखता कुच और है और होता कुच और है। आज के समय मे बहोत ही कम लोग बचे है जो अंदर जैसे होते है वैसे ही बहार दिखाते है। अगर ऐसा कोइ मिल जाये तो उसकी कदर करना।

        रिश्ते की बुनियाद सचाई और विश्वास पर टिकी होती है। कभी भी ऐसे व्यक्तिका विश्वास मत तोड़ना जो खुद से ज्यादा आप पर विश्वास करता हो। क्यू  की जिस व्यक्ति का विश्वास एक बार टुट जाता है वो कभी भी कीसी भी पर विश्वास नहीं कर सकता। उसे हमेशा विश्वास टुट ने का डर बना रहता है। झूठ का सहारा लेकर कभी भी रिश्तो की बुनियाद मत रखना क्यू की झूठ जादा दिनो तक टिकता नहीं। चाहे सच कितना ही कड़वा क्यू ना हो पर सच बोलने से हमेशा रिश्तो की नीव मजबूत होती है। सच बोलने से सामने वाले व्यक्ति को बुरा तो लग सकता है पर उतना नहीं जितना आपका झूठ पकडे जाने पर लगता है।

क्या रिश्ते निभाना आसान है ? रिश्तेदारी कीस के साथ निभानी चाहिए ? Rishte nibhana aasan

          आपके कईं रिश्ते दार होंगे जो आपके सामने तो मीठा बोलते होंगे पर आपकी पीठ पीछे हमेशा आपकी बुराइ करते है। ऐसे लोगो से दुरी बनाके रखनी चाहिए।  वो लोग विषैले सांप की तरह होते है मोका मिलते ही डस लेंगे। इसी लिए उनसे दूरी बनाके रखियेगा। दूसरी तरफ ऐसे भी लोग होंगे जो आपको आपकी गलती का एहसास कराते होंगे आपको सच्चाई से अवगत कराते होंगे चाहे आपको कितना ही बुरा क्यू ना लगे पर वो ही आपके सच्चे शुभेच्छु होते है। हमेशा उनकी कदर करे।

         क्या रिश्ते ऐसे ही बन जाते है ? नहीं । कुच रिश्ते जन्म से नी कोन हमारे मामा होंगे, कोन हमारे चाचा होंगे,  कोन हमारा भाई बनेगा, कोन हमारी बहेन बनेगी ये रिश्ते हम नहीं चुनते ये सब मे हमारी मर्जी नहीं चलती पर इन रिश्तो को बनाये रखना इनमे स्वार्थ, अंहकार , क्रोध, नफ़रत  इन सबकी वजह से दरार न आये और रिश्ता तुटने की बजाय ओर गहरा और मजबूत बने ये सब हमारे हाथ मे जरुर है । इसी लिए रिश्ते मजबूत बने ऐसा काम करे ना की टुटे ऐसा।

    अंत मे बस इतना ही कहूँगा की पैसे एक बार चले गए तो दुबारा कमाए जा सकते है पर एक बार रिश्तो मे दरार आगइ तो दुबारा नहीं भर सकते।

        ॥●॥ 🙏 धन्यवाद 🙏 ॥●॥

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